
ब्रिटिश संसद में गूंजा भारतीय अध्यात्म का स्वर, डॉ. चिन्मय पंड्या जी के नेतृत्व में अंतराष्ट्रीय मंच पर हुआ भारतीय संस्कृति का सम्मान
लंदन, 1 अगस्त 2025 — ब्रिटिश संसद के ऐतिहासिक परिसर में ‘पीस एंड लीडरशिप कॉन्क्लेव 2025’ का भव्य आयोजन हुआ, जिसमें भारतीय संस्कृति, अध्यात्म और नैतिक नेतृत्व के वैश्विक संदेश को अखिल विश्व गायत्री परिवार के युवा प्रतिनिधि एवं देव संस्कृति विश्वविद्यालय के प्रति-कुलपति डॉ. चिन्मय पंड्या ने नई ऊंचाइयों तक पहुँचाया। इस ऐतिहासिक आयोजन का नेतृत्व करते हुए डॉ. पंड्या ने भारतीय दर्शन और विश्व शांति की अवधारणाओं को अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किया।
यह आयोजन ब्रिटेन की संसद (हाउस ऑफ पार्लियामेंट, वेस्टमिंस्टर) में आयोजित हुआ, जो स्वयं में एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। बता दें, कार्यक्रम का आयोजन अखिल विश्व गायत्री परिवार, हरिद्वार द्वारा किया गया था, जो कि न केवल एक बौद्धिक विमर्श था, बल्कि भारतीय संस्कृति के सार्वभौमिक मूल्यों — वसुधैव कुटुम्बकम्, करुणा एवं स्वधर्म — को वैश्विक परिप्रेक्ष्य में प्रस्तुत करने का एक ऐतिहासिक अवसर भी बना। इस आयोजन के माध्यम से यह संदेश पुनः स्पष्ट हुआ कि भारत की प्राचीन आध्यात्मिक परंपराएं आज के समय में भी विश्व के लिए मार्गदर्शक भूमिका निभा रही हैं।
इस अंतर्राष्ट्रीय आयोजन में डॉ. पंड्या ने कहा कि “शांति केवल एक बाहरी स्थिति नहीं, बल्कि आंतरिक चेतना का विस्तार है। भारतीय दर्शन हमें सिखाता है कि नेतृत्व का मूल आधार आत्मानुशासन, करुणा और वैश्विक कल्याण की भावना में निहित होना चाहिए।”
डॉ. पंड्या के उद्बोधन में भारतीय जीवन मूल्यों, गायत्री मंत्र, आध्यात्मिक नेतृत्व और विश्व बंधुत्व की विचारधारा को विशेष रूप से रेखांकित किया गया। उन्होंने बहुत ही व्यावहारिक रूप में समझाया कि कैसे अखिल विश्व गायत्री परिवार के संस्थापक वेदमूर्ति तपोनिष्ठ पं. श्रीराम शर्मा आचार्य जी द्वारा प्रतिपादित विचार आज भी मानवता के लिए मार्गदर्शक साबित हो रहे हैं।
कार्यक्रम में कई विशिष्ट अंतरराष्ट्रीय विचारक एवं गणमान्य अतिथि शामिल हुए, जिनमें लॉर्ड क्रिश रावल, निदेशक, फ़ेथ इन लीडरशिप (यूके),
डॉ. मार्क ओवेन, निदेशक, सेंटर फॉर रिलिजन, रीकंसीलेशन एंड पीस, यूनिवर्सिटी ऑफ विंचेस्टर,
मिस्टर विलियम जोन्स, सीनियर फेलो, फ्यूचर फॉर लाइफ इंस्टिट्यूट जैसे प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधि शामिल हैं।
इन अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों ने डॉ. पंड्या के विचारों की सराहना करते हुए भारतीय आध्यात्मिकता को आज के नेतृत्व और नीतिगत विमर्श के लिए अत्यंत प्रासंगिक बताया। यह आयोजन अखिल विश्व गायत्री परिवार द्वारा 2026 में आयोजित होने जा रहे गायत्री परिवार की सह-संस्थापक एवं महिला सशक्तिकरण आंदोलन की प्रेरणास्रोत परम वंदनीया माता भगवती देवी शर्मा जी की जन्म शताब्दी समारोह एवं विगत 100 वर्षों से प्रज्वलित अखंड दीप के शताब्दी वर्ष से पूर्व अंतरराष्ट्रीय प्रस्तावना के रूप में भी देखा जा रहा है, जिससे भारत के सांस्कृतिक गौरव को विश्व मंच पर प्रतिष्ठा मिली है। इस अवसर को देश-विदेश के करोड़ों-करोड़ गायत्री साधकों द्वारा गौरव के पल के रूप में देखा जा रहा है।