
देसंविवि में नवप्रवेशी विद्यार्थियों का ध्यान साधना से शैक्षणिक सत्र प्रारंभ
हरिद्वार 26 जुलाई।
देवसंस्कृति विश्वविद्यालय, शांतिकुंज में नवप्रवेशी विद्यार्थियों ने नए शैक्षणिक सत्र की शुरुआत आध्यात्मिक वातावरण में ध्यान साधना के माध्यम से की। विश्वविद्यालय की परंपरा के अनुसार भारत और नेपाल सहित विभिन्न देशों से आए सैकड़ों विद्यार्थियों ने शांतिकुंज स्थित युगऋषि पं. श्रीराम शर्मा आचार्य एवं वंदनीया माता भगवती देवी शर्मा जी की पावन समाधि स्थल पर सामूहिक ध्यान किया।
विद्यार्थियों ने ज्योति अवधारण साधना में भाग लेकर आत्मचिंतन और आंतरिक अनुशासन की दिशा में पहला कदम बढ़ाया। विश्वविद्यालय के अद्वितीय पाठ्यक्रमों और जीवन मूल्यों के कारण देसंविवि आज की युवा पीढ़ी की पहली पसंद बनती जा रही है।
शांतिकुंज व्यवस्थापक श्री योगेन्द्र गिरि ने बताया कि विद्यार्थी जीवन केवल किताबी ज्ञान तक सीमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि उसमें नैतिकता, आत्मविकास और समाज के प्रति उत्तरदायित्व का भाव भी होना चाहिए। उन्होंने कहा कि देसंविवि में शिक्षा के साथ संस्कार भी दिए जाते हैं, जिससे विद्यार्थी सम्पूर्ण व्यक्तित्व का निर्माण कर सकें। उन्होंने युग निर्माण सत्संकल्प के 18 सूत्रों को उल्लेख करते हुए कहा कि जीवन के अभीष्ट लक्ष्य को सदैव याद रखना चाहिए। श्री उदय किशोर मिश्रा, सौरभ मिश्रा आदि ने भी युवाओं का संबोधित किया।
शैक्षणिक सत्र की इस आध्यात्मिक शुरुआत से विद्यार्थियों में नया उत्साह एवं आत्मविश्वास देखने को मिला। उल्लेखनीय है कि देसंविवि कुलाधिपति श्रद्धेय डॉ प्रणव पण्ड्या जी भी स्वयं समय-समय पर कक्षाएँ लेते हैं और जीवन प्रबंधन, गीता, रामचरित मानस आदि विषयों के माध्यम से युवाओं के जीवन को नवीन दिशा देते हैं।