
साहित्य जब हृदय में उतरता है, तब वह मात्र वाचन नहीं रह जाता, बल्कि जीवन को दिशा देने वाला अनुभव बन जाता है
पूज्य गुरुदेव का सम्पूर्ण वाङ्मय अब इंडिया हैबिटैट सेंटर की पुस्तकालय में।
नई दिल्ली प्रवास के अंतर्गत देव संस्कृति विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति आदरणीय डॉ. चिन्मय पंड्या जी ने इंडिया हैबिटैट सेंटर, नई दिल्ली के निदेशक प्रोफेसर के. जी. सुरेश जी से सौजन्य भेंट की।
इस अवसर पर आदरणीय डॉ. पंड्या जी ने पूज्य गुरुदेव पं. श्रीराम शर्मा आचार्य जी द्वारा रचित सम्पूर्ण वाङ्मय-सेट भेंट स्वरूप भेंट किया, जो अब इंडिया हैबिटैट सेंटर की पुस्तकालय में शोध, अध्ययन एवं सार्वजनिक उपयोग हेतु उपलब्ध रहेगा।
पूज्य गुरुदेव का यह साहित्य केवल आध्यात्मिक विचारों का संकलन नहीं, अपितु एक वैज्ञानिक, सांस्कृतिक एवं सामाजिक चेतना का जीवंत मार्गदर्शन है, जो आज की पीढ़ी को मनुष्य से महामानव की ओर अग्रसर होने की प्रेरणा देता है।
यह भेंट न केवल एक साहित्यिक कृति का आदान-प्रदान थी, बल्कि संस्कार, साधना और सामाजिक उत्थान के मंत्र को राष्ट्रीय बौद्धिक केंद्रों तक पहुँचाने की एक सशक्त पहल भी है।