
“आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के सामाजिक प्रभाव” विषय पर परम पूज्य गुरुदेव के वैज्ञानिक अध्यात्मवाद के बारे में विस्तार से चर्चा सम्पन्न।
डॉ. पंड्या ने आयोजित बारहवें नानाजी स्मृति व्याख्यान में “आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के सामाजिक प्रभाव” विषय के दौरान परम पूज्य गुरुदेव के वैज्ञानिक अध्यात्मवाद के बारे में विस्तार से चर्चा करते हुए बताया कि देव संस्कृति विश्वविद्यालय वैज्ञानिक अध्यात्मवाद और आधुनिक तकनीक के समन्वय से एक नए युग का नैतिक नेतृत्व कर रहा है, इस दिशा में देव संस्कृति विश्वविद्यालय में स्थापित Centre for Artificial Intelligence Research (CAIR) एक महत्वपूर्ण कदम है, जो AI के नैतिक और मानवीय उपयोग पर शोध कर रहा है। जिससे AI से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर गहन मंथन हो सकेगा।
दीनदयाल शोध संस्थान द्वारा आयोजित यह व्याख्यान AI के सामाजिक और नैतिक प्रभावों को समझने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान करेगा l बता दें *दीनदयाल शोध संस्थान की स्थापना 1972 में प्रख्यात समाजसेवी नानाजी देशमुख द्वारा* की गई थी। यह संस्थान एकात्म मानवतावाद के सिद्धांतों पर कार्य करते हुए ग्रामीण विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए समर्पित है। इसका उद्देश्य भारतीय संस्कृति और परंपराओं के अनुरूप समाज के समग्र विकास को बढ़ावा देना है।
नानाजी देशमुख की स्मृति में दीनदयाल शोध संस्थान हर वर्ष “नानाजी स्मृति व्याख्यान” का आयोजन करता है जिसमें समाज, शिक्षा, अर्थव्यवस्था, विज्ञान और नीति-निर्माण से जुड़े प्रतिष्ठित विचारक, शोधकर्ता और विशेषज्ञ अपने विचार रखते हैं। यह अवसर इस प्रकार भी विशेष हो जाता है क्योंकि स्वयं भारत रत्न स्वर्गीय श्री अटल बिहारी वाजपेयी, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक माननीय मोहन भागवत जी, पूर्व उपराष्ट्रपति श्री वेंकैया नायडू जी, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्व सर कार्यवाह श्री भैयाजी जोशी जी जैसे प्रख्यात विचारक इस मंच पर अपने विचार साझा कर चुके हैं। इस व्याख्यान का उद्देश्य समाज के समक्ष मौजूद समसामयिक चुनौतियों पर चर्चा करना और उनके समाधान की दिशा में विचार-विमर्श करना है।