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ऐतिहासिक ऑस्ट्रेलिया प्रवास के दूसरे सप्ताह में प्रवास के छठे चरण हेतु प्रातः पर्थ आगमन, कार्यकर्ताओं से संवाद एवं श्रद्धासंवर्धन जनसंपर्क अभियान
अखिल विश्व गायत्री परिवार के युवा प्रतिनिधि आदरणीय डॉ. चिन्मय पंड्या जी ऋषियुग्म के आशीर्वाद संग करोड़ों परिजनों के आत्मीय स्नेह एवं ऊर्जा से सिक्त होकर अविराम विशिष्ठ अनुष्ठान क्रम के मध्य भी पुरुषार्थ की पराकाष्ठा में जुटे हैं।
आदरणीय डॉ. चिन्मय पंड्या जी का ऑस्ट्रेलिया महाद्वीप का यह ऐतिहासिक प्रवास इतिहास रच रहा है । दो सप्ताह में छह प्रांतों के अनेकानेक परिजनों से घर- घर जाकर भेंट, विविधतापूर्ण सार्वजनिक आयोजन एवं आत्मीयतापूर्ण संवाद परिजनों के हृदय में एक गहरी छाप छोड़ चुका है जो पीढ़ियों तक अमिट रहेगी।
ऑस्ट्रेलिया के एक छोर से दूसरे छोर की लंबी यात्रा करके प्रातः ब्रह्ममुहुर्त में एडिलेड से पर्थ पधारे । गायत्री परिवार के परिजनों ने अत्यंत उत्साह स्वागत किया।
बिना एक क्षण विश्राम किए तत्काल कार्यकर्ताओं से संवाद करते हुए जनसंपर्क अभियान हेतु पर्थ के घर-घर पधारे । आदरणीय डॉ. चिन्मय पंड्या जी के दर्शन एवं उनके आत्मीयतापूर्ण वचन सुन कर आत्मीयता का अनुभव करके परिजन अत्यंत भावुक हो गए।
ऑस्ट्रेलिया महाद्वीप में विश्व हित में यह अभियान अत्यंत ही ऐतिहासिक है।