
ऑस्ट्रेलिया में गुरुसत्ता के प्यार से पोषित वैश्विक परिवार के प्रियजनों से आत्मीयता विस्तार जनसंपर्क अभियान के अंतर्गत आदरणीय डॉ. चिन्मय पंड्या जी से हुई भेंट।
ऑस्ट्रेलिया प्रवास
२६ अप्रैल २०२५ ( पर्थ )
गुरुसत्ता के प्यार से पोषित करोड़ों करोड़ परिजनों के वैश्विक परिवार प्रियजनों से आत्मीयता विस्तार जनसंपर्क अभियान के अंतर्गत भेंट । मिशन की दूसरी एवं तीसरी पीढ़ी के परिवारजनों ने भावुक होकर ऋषियुग्म से जुड़े बहुमूल्य अनुभव साझा किए एवं उन दिव्य पलों के भाव का स्मरण किया।
पूज्य गुरुवर एवं दैवीय अभियान के अंग अवयव सम्पूर्ण विश्व में समाए हुए हैं । “अपना ही परिवार मिले जहां कहीं भी जाएं हम” की पंक्ति चरितार्थ होती दिखी ऑस्ट्रेलिया महाद्वीप के इस ऐतिहासिक प्रवास में।
आदरणीय डॉ. चिन्मय पंड्या जी द्वारा सघन जनसंपर्क अभियान एवं इसकी जानकारी देश विदेश में विविध संचार माध्यमों से पहुंचते ही l अनेकानेक देशों में निवासरत गायत्री परिजनों ने ऑस्ट्रेलिया में रहने वाले अपने परिवार जनों की भेंट किसी भी प्रकार आदरणीय डॉ. चिन्मय पंड्या जी से कराने को कॉल, मैसेज एवं संपर्क आरम्भ किया। गायत्री परिवार की यह आत्मीयता सैकड़ों परिजनों की घर घर जनसंपर्क अभियान में ही साथ जोड़ लाई।
साथ रहकर, आस पास रहकर भी जो परिजन आपस में एक दूसरे के गायत्री परिवार के पीढ़ियों के जुड़ाव से अपरिचित थे वे साथ आए एवं अद्भुत संयोगों एवं सुयोगों से पर्थ में गायत्री परिवार की नींव को मजबूती मिली।
वर्तमान के अनुभव में महाकाल की दिव्य दैवीय योजना के भविष्य का भी दिग्दर्शन हुआ।