
एडिलेड में आत्मीयता विस्तार एवं श्रद्धा संवर्धन के भाव से जनसंपर्क अभियान का द्वितीय चरण
ऋषियुग्म के त्याग, तप एवं तितिक्षा युक्त जीवन की अमिट छाप अपने अंतस में लिए दिन-रात एक कर पुरुषार्थ की पराकाष्ठा बिना विश्राम किए करने में निरत आदरणीय डॉ. चिन्मय पंड्या जी ने एडिलेड में दूसरे दिन भी अनेकों घरों में जनसंपर्क किया । मिशन से जुड़ी दूसरी एवं तीसरी पीढ़ी के अनेक परिवार के सदस्यों ने ऐसा अनुभव किया कि जैसे पूज्य गुरुवर की दिव्य चेतना का दिव्य प्रवाह उनके पास आ गया।
हृदय में खुशी, अंतस में उल्लास लिए परिजनों ने पूज्य गुरुवर से जुड़े स्वयं के एवं अपने अग्रजों के संस्मरण का स्मरण किया।
आदरणीय डॉ. चिन्मय पंड्या जी के ऑस्ट्रेलिया प्रवास की सूचना पाकर भारत में रहने वाले अनेक गायत्री परिजन कॉल अथवा ईमेल पर आग्रह कर करके अन्य प्रांतों की भांति ही एडिलेड में भी अपने बच्चों और परिवार के सदस्यों को किसी भी प्रकार आदरणीय डॉ. चिन्मय पंड्या जी से भेंट कराने एवं घर में देवस्थापना करने के आग्रह के साथ प्रस्तुत हुए एवं ऐसे सभी परिजनों की भावनाओं के अनुरूप अपनी व्यस्तताओं के बीच भी सभी को भावनाओं का ध्यान रखा गया एवं आत्मीयतापूर्ण भेंट की गई।
आदरणीय डॉ. चिन्मय पंड्या जी के शुभागमन से दूर सुदूर क्षेत्रों में बसे अनेक गायत्री परिजन जो आपस में परिचित नहीं भी थे साथ मिले और यह सुखद रहा कि आगमन से लेकर जनसंपर्क तक एडिलेड में गायत्री परिजनों की टीम और सशक्त हुई।
अद्भुत भाव ऑस्ट्रेलिया प्रवास में यह भी संज्ञान में आया कि अनेक गायत्री परिजन अभिभावक भारत से विशेष रूप से ऑस्ट्रेलिया इन दिनों स्वयं डॉ. चिन्मय पंड्या जी से भेंट करने एवं अपने नन्हें बच्चों एवं युवाओं की नई पीढ़ी को मिशन से और परिपक्वता से जोड़ने हेतु पधारे।