.jpg)
पर्थ के विभिन्न संगठनों के प्रमुख प्रतिनिधियों एवं परिजनों संग ०९ कुंडीय गायत्री महायज्ञ एवं प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन
ऑस्ट्रेलिया के पर्थ प्रांत में विभिन्न संगठनों के प्रमुख प्रतिनिधियों एवं परिजनों संग ०९ कुंडीय गायत्री महायज्ञ का आयोजन किया गया । परिजनों ने अत्यंत श्रद्धा भावना से मंत्रोच्चार किया एवं आहुतियां प्रदान की ।
पर्थ के दूर-सुदूर क्षेत्रों से पधारे प्रबुद्ध वर्ग के परिजनों ने “प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन” में सहभागिता की । अखिल विश्व गायत्री परिवार प्रतिनिधि आदरणीय डॉ. चिन्मय पंड्या जी ने “यज्ञ के व्यावहारिक, वैज्ञानिक एवं आध्यात्मिक महत्व” पर विशेष मार्गदर्शन प्रदान किया ।
आदरणीय डॉ. चिन्मय पंड्या जी ने यज्ञ का मर्म बताते हुए परिजनों से भाव साझा किया, “देने का भाव यदि व्यक्ति के मन में जागता है तो इंसान देवता बन जाता है । जो भी उपलब्ध है वह हम बांटे तो व्यक्ति, परिवार, समाज बेहतर बन सकता है । भाव देने का ही हो पाने का नहीं तो इंसान देवता कहलाता है ।”
पूज्य गुरुदेव पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य जी द्वारा उदघोषित संदेश “मनुष्य में देवत्व का उदय एवं धरती पर स्वर्ग का अवतरण” जन-जन में इस माध्यम से विस्तारित हुआ ।
यज्ञीय भाव से ईश्वर के विश्व उद्यान की सेवा आराधना ही यज्ञ मानकर करने को सभी परिजन प्रेरित हुए ।
आयोजन अत्यंत सफल रहा एवं भविष्य में पर्थ में मिशन की गतिविधियों के लिए विस्तार के लिए एक मजबूत नींव सिद्ध होगा ।